प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महान धार्मिक मंदिरों को बनवाया तो दूसरी तरफ लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर यानि हमारे संसद को भी बनवाया. दरअसल नया संसद भवन इतना बड़ा और भव्य है कि परिसीमन के बाद भी सांसदों की संख्या बढ़ी तो भी ये छोटा नहीं पड़ेगा. आजादी के अमृतकाल में देश को नया संसद भवन मिला.