वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण कहा कि कल पूरे देश में कई शहरों से पांच बहुत ही अहम मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया. वे लोग 20-25 साल से मानवाधिकार के काम करते रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और भारत सरकार को नोटिस जारी किया और यह आदेश दिया कि जिन पांच लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया उन्हें अपने घर में ही रखा जाए. सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने खासकर यह कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्य कि बात है कि ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. ये लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक चीज है.