दिल्ली का दयाल सिंह सांध्य कॉलेज. शाम के वक्त शाम के इस कॉलेज का अकेलापन आप महसूस कर सकते हैं. ऐसा लगता है जैसे दीवारें ही एक दूसरे से बात कर रही हों. खिड़कियां उदास हैं और हवा इस बंद कमरे में अपना सर पीट कर वापस जा रही है. हो सकता है आगे हमेशा के लिए सांध्य कॉलेज की छुट्टी हो जाए. ये हकीक़त है कि इस कॉलेज के समय के साथ-साथ इसका नाम भी बदलने की सिफारिश की गयी है. अगर गवर्निंग बॉडी की बात मान ली जाती है तो शाम की बजाय ये कॉलेज दिन में लगेगा और नाम बदलकर वन्देमातरम हो जाएगा.