कोटे में कोटा दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद समाज के ज्यादातर तबकों के बीच से ऐसी भावनायें सामने आई जिससे लगा पिछड़े वर्ग का वो तबका जो आजादी के 75 साल बाद भी समाज में अपना हक अपनी जगह नहीं पा सका उसको आगे आने में मदद मिलेगी. ये वंचित वर्ग भी अब समाज के अगडे़ वर्ग के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल पायेगा लेकिन सुप्रीम फैसला आने के करीब एक हफ्ते बाद भी बड़ी बड़ी सियासी पार्टियां इस फैसले के संंबंध में खुलकर कुछ बोलने से बच रही है