प्लास्टिक ने गांव घर शहर हर जगह कबाड़ पैदा कर दिया है. इसके इस्तमाल करने की जागरूकता किसी काम की नहीं है. तमाम चेतावनियों के बाद भी लोग प्लास्टिक का इस्तमाल करते ही हैं. हाल ही में वेलोसिटी एम आर नाम की एक कंपनी ने 3600 लोगों से पूछा तो पाया कि 90 फीसदी लोगों को प्लास्टिक के नुकसान का पता है, पोलिथिन बैग पर बैन है ये भी पता है फिर भी लोग प्लास्टिक का इस्तमाल करते हैं. स्कूलों में प्लास्टिक के खतरे के बारे में पढ़ाया जाता है मगर इसका इस्तमाल हो ही रहा है. हाल ही में Independent अखबार में एक बर छपी थी कि दस साल में समंदर में प्लास्टिक प्रदूषण तीन गुणा ज्यादा हो जाएगा. सिर्फ दस साल में. आज दुनिया के सागरों के लिए प्लास्टिक बहुत बड़ा ख़तरा हो गया है. इससे न सिर्फ समुदर तल की ऊंचाई बढ़ रही है बल्कि समंदर गरम भी हो रहा है. भारत के प्रधानमंत्री नरेद मोदी ने कहा है कि 2022 तक सिंगल यूज़ प्लास्टिक को पूरी तरह खत्म कर देंगे. महाराष्ट्र भी इस दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है. अदालत की पाबंदी 23 जून को खत्म हो रही है. राज्य सरकार प्लास्टिक पर रोक के अपने फैसले को लागू करने के लिए सख्ती से तैयारी कर रही है.