एड गुरु पीयूष पांडे ने बताया कि 1982 में जब उन्होंने विज्ञापन की दुनिया में कदम रखा तो वो साल कम्युनिकेशन और कलर टीवी का था। उन्होंने बताया कि लोग अंग्रेजी में लिखते थे और वे हिन्दी में लिखते थे। लोगों को उनका काम पसंद आया। बाद में उनके 'चल मेरी लूना' व 'दम लगा के हईशा' कैंपेन हिट हुए।