संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ पर भारत ने वैश्विक शांति, बहुपक्षीय सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख पर पूरी मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा और पाकिस्तान को एक बार फिर आतंक पर खरीखोटी सुनाई. यूएन में भारत के राजदूत पर्वतनेनी हरीश (PR) ने अपनी स्पीच में बताया कि कैसे शीत युद्ध के बाद संघर्षों का स्वरूप बदला और गैर-राज्य आतंकी संगठनों की भूमिका बढ़ी.