विकास और जातिवाद के मुद्दे पर बिहार विधानसभा चुनावों में पार्टियां भिड़ी हुई हैं लेकिन इस बीच उन मुद्दों पर बहस नहीं सुनाई दे रही है जिनसे बिहार की जनता परेशान है। हमारे सहयोगी हिमांशु शेखर पूर्वी चंपारण के एक गांव गए और जाना कि लोग कैसे पलायन के दुष्चक्र में फंसे हैं। ज़मीन है नहीं, रोज़गार है नहीं और अब मनरेगा में भी अक्तूबर तक कोई काम नहीं दिया गया।