देश के करीब 50 फीसदी ताप बिजलीघर कोयले के संकट की समस्या से जूझ रहे हैं और इनके पास सात दिन से कम का भी कोयला भंडार है। इनमें सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी के बिजलीघर भी शामिल हैं। इन बिजलीघरों की कुल उत्पादन क्षमता 20,000 मेगावाट से अधिक है। आखिर क्यों बिजली संकट गहराता जा रहा है।