New Year 2025: यकुम जनवरी है नया साल है... दिसंबर में पूछूंगा क्या हाल है... ये बड़ा ही मशहूर और मकबूल शेर है... जिसे अक्सर तंज़ के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है... लेकिन 2024 के आईने में यही शेर अगर किसी ने भारत के लिए कहा होता... तो जिगर मुरादाबादी के शेर में जवाब कुछ यूं होता... - जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं... वही दुनिया बदलते जा रहे हैं... भारत आज वाकई दुनिया बदल रहा है... साल 2024 में भारत के नाम उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है... बात आर्थिक मोर्चे की हो... शिक्षा की हो... कारोबार की हो... दुनिया के ताकतवर मुल्कों से होड़ लेता भारत आगे बढ़ता रहा... नए कीर्तिमान गढ़ता रहा... अब 2025 का सूरज हिंदुस्तान को सलाम कर रहा है...