New Year 2025: निराशा और नाउम्मीदों के बीच झूूलता 2024 बीत गया। इस पूरे साल हमने कई ऐसे दंश झेले जो इंसानी सभ्यता पर बदनुमा दाग कहा जा सकता है। आज हमलोग में आज हम उन पहलुओं पर चर्चा करेंगे जिससे दुनिया परेशान है। ये चर्चा करेंगे कि आने वाले नए साल में क्या ये उम्मीद की जा सकती है कि नया सवेरा होगा और हम एक नए रास्ते पर निकलेंगे।