इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाज़ा युद्ध और हमास को ख़त्म करने के अपने इरादे को दोहराया, लेकिन उन्हें भारी राजनयिक अलगाव का सामना करना पड़ा। उनका भाषण शुरू होते ही ज़्यादातर देशों के प्रतिनिधियों ने सामूहिक वॉकआउट कर दिया। नेतन्याहू ने खाली हॉल में ही फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देने को 'पागलपन' क़रार दिया, जबकि दूसरी तरफ, इज़रायल यमन के हूती विद्रोहियों से सैन्य मोर्चे पर भी भिड़ा हुआ है। हूतियों के सफल एलात ड्रोन हमले (जिसमें आयरन डोम विफल रहा) के जवाब में, इज़रायल ने यमन की राजधानी सना पर भीषण हवाई हमले किए, जिससे क्षेत्रीय संघर्ष और गहरा गया है।