मध्यप्रदेश की सियासत भी गजब है. यहां सभी दलों के नेता परिवारवाद (Nepotism) के खिलाफ तो पानी पी-पी कर बोलते हैं लेकिन हकीकत ये है कि राज्य में सभी बड़े दल परिवारवाद को पालते-पोसते हैं. बीजेपी की पहले चार लिस्ट आ चुकी है. जिसमें कई नेताओं के परिजनों को जगह मिली है. कांग्रेस की पहली लिस्ट आई तो हालात कुछ ऐसे ही दिखे. नेता पुत्र या परिजन भी इस लिस्ट में हावी हैं.