18 अगस्त, 1945 को जापान में एक विमान हादसे के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस का कुछ पता नहीं चला। बीच-बीच में उन्हें देखने का भी दावा किया गया। लेकिन सुभाष चंद्र बोस की मौत पर रहस्य की चादर पड़ी रही। सरकार ने भी उनसे जुड़े दस्तावेज़ों को सार्वजनिक नहीं होने दिया। लेकिन अचानक राष्ट्रीय आर्काइव से निकले कुछ दस्तावेज़ एक नए विवाद की वजह बन गए हैं।