डेंगू-चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने सितंबर में सुनवाई शुरू की. दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की अगुवाई में प्रिंसिपल कमेटी बनी, लेकिन जब स्टेटस रिपोर्ट समय पर दाखिल नहीं हुआ तो अंतिम मोहलत 7 दिनों की दी गई, फेल हुए तो लगेगा 50 हजार का जुर्माना.