जोशीमठ में घरों और जमीनों में आई बड़ी-बड़ी दरारों के बाद वहां रह रहे कई लोग बेघर हो चुके हैं. उनको अपने ही घर से सामान पैक करके राहत शिविर या अन्य स्थान पर जाना पड़ रहा है. कुछ अपने ही शहर में शरणार्थी बन गए. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस त्रासदी का जिम्मेदार कौन है?