हर हफ्ते विपक्ष यह आरोप लगाता है कि सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही हैं और सरकार कहती है कि एजेंसी अपना काम कर रही हैं, लेकिन इस आरोप-प्रत्यारोप को साधारण मानकर छोड़ देना क्या यह एक विकल्प है या फिर वाकई ऐसी स्थिति हो रही है कि एजेंसियों को विपक्ष का ही भ्रष्टाचार दिखाई देता है.