शरद पवार के एनडीटीवी को इंटरव्यू देने के बाद ऐसा लगा कि विपक्षी एकता में भूचाल आ गया है और एक शरद पवार बम गिर गया. समझ में नहीं आ रहा था कि कौन किसके साथ है, किसके साथ नहीं है. मगर, एक बार फिर तिनकों को जोड़ने का एक प्रयास शुरू हुआ है. विपक्ष की अब अगुवाई की है नीतीश कुमार ने. वो कांग्रेस से मिले और उसके बाद एक रणनीति बनाई गई है कि भाजपा के एक प्रत्याशी के खिलाफ समूचे विपक्ष की तरफ से एक प्रत्याशी खड़ा किया जाए. देखें क्या है विपक्षी एकता पर विभिन्न दलों की राय...