देशभर में जहां कोरोना के बाद से ही स्कूलों की पढ़ाई ऑनलाइन कर दी गई है तो इसका असर स्कूल बस चलाने वालों पर पड़ा है. 10 महीनों से हज़ारों लोगों के पास रोज़गार नहीं बचा है, आने वाले कुछ महीनों में भी हालात सुधरते नज़र नहीं आ रहे. करीब 10 सालों से स्कूल वैन में बच्चों को ले जाने का काम करने वाली रोशन शेख ने अगस्त 2019 में यह नया स्कूल वैन खरीदा यह सोचकर कि इनकी ज़िंदगी बेहतर हो जाएगी. लेकिन मार्च से लगे लॉकडाउन के बाद से सबकुछ बंद है. आमदनी आ नहीं रही है और बैंक वाले हर रोज़ फोन कर EMI भरने की मांग कर रहे हैं.