35 साल के रोमेन फुकन को अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि वह जीवित है. पिछले हफ्ते मणिपुर में आए भूस्खलन में उनका कैंप भी चपेट में आ गया था. जिसके बाद उन्हें चारों तरफ मदद के लिए चीख-पुकार ही सुनने को मिल रही थी. उन्होंने बताया कि कैसे उनके दोस्त ने उनकी जान बचाई, बाद में उनके सामने ही दोस्त ने दम तोड़ दिया. फुकन उन 80 लोगों में शामिल थे, जो बुधवार की रात घटना स्थल पर मौजूद थे, जब एक विनाशकारी भूस्खलन नोनी जिले के तुपुल में उनके शिविरों को बहा ले गया. ये लोग पत्थर और मिट्टी के नीचे दब गए. अभी तक इसमें 42 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.