कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार की ओर से लगाई गई सख्ती का असर आम आदमी की जेब पर पड़ता नज़र आ रहा है. ना काम है और ना ही पैसा. साथ ही टीका लेने के लिए ऑनलाइन रेजिस्ट्रेशन करना पड़ता है, लेकिन स्मार्टफोन नहीं होने के वजह से लोग उससे भी वंचित नज़र आ रहे हैं. मुंबई से सटे उल्हासनगर में रहने वालीं रवीना जगताप ट्रांसजेंडर समाज से आती हैं. अपने जीवन में कई बार इन्होंने काम ढूंढ़ने की कोशिश की, लेकिन ट्रांसजेंडर समाज से होने की वजह से कहीं काम नहीं मिला. देखिए सोहित मिश्रा की ये रिपोर्ट