मध्य प्रदेश में भी अतिथि विद्वान इसी तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं. मार्च कर रहे हैं. शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने एडहाक शिक्षकों के लिए हिन्दी में बड़ा सुंदर नाम निकाला था 'अतिथि विद्वान'.अतिथि नाम देकर उनकी जेब काट ली गई.अब उन्हें कहा जाता है कि सिफारिश पर आए थे तो योग्य नहीं थे लेकिन वे कई साल से पढ़ाते रहे तब किसी ने उनकी योग्यता की परवाह नहीं की.इसके अलावा गुजरात में भी छात्र प्रदर्शन करते नजर आए.गुजरात की राजधानी गांधीनगर की सड़कों पर भागते बच्चे बहुत दिनों से आंदोलन कर रहे हैं.पहले इन्होंने परीक्षा की पात्रता को लेकर आंदोलन किया और ट्विटर पर ट्रेंड कराया. क्योंकि सरकार ने फार्म भरने के बाद 12 वीं पास की पात्रता हटा दी. छात्रों के गुस्से को देखते हुए पात्रता बहाल हुई. 17 नवंबर को परीक्षा हुई तो धांधली के आरोप लग गए. छात्रों ने सरकार को 39 प्रमाण दिए. 17 दिन हो गए लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो छात्र गांधीनगर सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करने लगे.