पिछली बार नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और बीजेपी (BJP) को यह लगा था कि नॉर्थ में नुकसान हो सकता है तो सबसे ज्यादा रैली यूपी के बाद बंगाल और ओडिशा में हुई थीं. 15 सीटों का फायदा बंगाल से और आठ सीटों का फायदा ओडिशा में मिला. अब इस बार अगर 400 पार का नारा है तो यहां से लगभग 30 सीटें जीतना बहुत जरूरी है. लीडरशिप एक बहुत बड़ा फैक्टर है. प्रधानमंत्री मोदी को जो एक एडवांटेज मिलता है, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ दूसरे राज्यों में.. यहां पर क्योंकि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) एक बहुत स्ट्रांग लीडर हैं, वो एडवांटेज कहीं ना कहीं न्यूट्रलाइज होता है. तो फिर बच जाता है आपका संगठन और लोकल कैंडिडेट पर फोकस आ जाता है. बंगाली अस्मिता, बंगाली प्राइड एक बहुत बड़ा इशू है. 1971 के बाद कभी भी कोई राष्ट्रीय पार्टी यहां पर ज्यादा सीटें नहीं जीत पाई है.