Leh Protest: सोनम वांगचुक लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर 15 दिन से अनशन कर रहे थे... लेकिन 24 सितंबर यानी बुधवार को लद्दाख में हिंसा की आग भड़की... इसके बाद सोनम वांगचुक सवालों के कठघरे में दिखाई दे रहे हैं... सरकार ने इस हिंसा के लिए उनके भड़काऊ भाषनों को जिम्मेदार ठहराया... उन पर हिंसा रोकने की जगह अनशन खत्म कर चले जाने का आरोप लगाया... इसके बाद सोनम वांगचुके पर एक्शन भी शुरू हो गया... उनके एनजीओ को विदेशी फंडिंग लेने के लिए जो लाइसेंस दिया गया था... वो कैंसल हो चुका है... उनके खिलाफ हेराफेरी के आरोपों की जांच हो रही है... सवाल यही है कि सोनम वांगचुक... हीरो हैं या विलेन?