वर्षों से महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त जिला लातूर के किसान इस बार हुई अच्छी बारीश से खूश थे कि कुछ राहत मिलेगी. लेकिन नोटबंदी ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है. पैसे के अभाव में खाद और बीज नहीं मिल पाने से परेशान किसान कह रहे हैं कि इससे अच्छा तो सूखा था.