नोटबंदी के मारे, किरायेदार बेचारे

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  • प्रकाशित: दिसम्बर 14, 2016
नोटबंदी के लिए गरीब और आम लोगों से कहा जा रहा है कि वे कैशलेस सिस्टम अपनाएं, क्योंकि यही देशभक्ति की नई वेरायटी है. बहुत लोग अपना भी रहे हैं. ज़रूरी है कि इसे सब अपनाएं. जैसे अगर युवा छात्र जीवन से ही कैशलेस अपनाएं तो देश को फायदा होगा. मगर वे जिन मकानों में किराये पर रहते हैं, उनके मकान मालिक इन युवाओं को देशभक्त नहीं बनने दे रहे हैं. मतलब कैश में ही किराया मांग रहे हैं. वित्त मंत्री को बताना चाहिए कि वे मकान मालिकों को चेक से किराया लेने के लिए कैसे प्रेरित करेंगे, ताकि छात्र अपनी पैसे के एक हिस्से को काला धन न बनने दें.

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