एनसीपी से अजित पवार के अलग होने के बाद अगले ही दिन शरद पवार सतारा के कराड पहुंचे और अपने राजनीतिक गुरू यशवंत राव चव्हाण की समाधि पर फूल चढाया. शरद पवार के साथ कराड से कांग्रेस के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान भी साथ थे. पवार ने एनसीपी पर आए संकट की घड़ी में वही किया जिसके लिये वो जाने जाते हैं. वो अपनी पार्टी की लड़ाई को अब लोगों के बीच लेकर जाना चाहते हैं.