खबरों की खबर : क्या सचमुच शरद पवार को भतीजे की बगावत की भनक नहीं थी?

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  • प्रकाशित: जुलाई 03, 2023
एनसीपी से अजित पवार के अलग होने के बाद अगले ही दिन शरद पवार सतारा के कराड पहुंचे और अपने राजनीतिक गुरू यशवंत राव चव्हाण की समाधि पर फूल चढाया. शरद पवार के साथ कराड से कांग्रेस के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान भी साथ थे. पवार ने एनसीपी पर आए संकट की घड़ी में वही किया जिसके लिये वो जाने जाते हैं. वो अपनी पार्टी की लड़ाई को अब लोगों के बीच लेकर जाना चाहते हैं. 

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