मंगलवार को लोकसभा चली, लेकिन जिस तरह चली, उस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन दुखी हो गईं। संसद में नारेबाज़ी हुई, तख़्तियां लहराईं, कागज़ उछले, और हाथापाई की नौबत आते-आते बची। मुद्दा बस इतना था कि ललितगेट और व्यापमं पर बहस किस नियम से हो। बस सारे नियम टूट गए।