इस पूरी राजनीतिक लड़ाई में जेजेपी नायक बनकर उभरी है और दुष्यंत चौटाला एक नेता के रूप में उभरे हैं. अब ये साफ हो गया है कि देवीलाल की विरासत अब इनके हाथ में है. दुष्यंत चौटाला के समर्थकों को लंबे समय के बाद खुशी मिली है. आइएनएलडी से अलग होने के बाद एक नई पार्टी बनाने का फैसला आसान नहीं था लेकिन चाबी चल गई है दुष्यंत इस हैसियत में हैं कि वो किसी के साथ सरकार बनाने के लिए अपनी शर्तें तय कर सकें.