इस चुनाव में प्रचार के दौरान दोनों ही तरफ के नेताओं ने मर्यादा की तमाम सीमाएं लांघ दी है. कई बार चुनाव आयोग ने चुनौती दी और उन पर प्रचार करने से रोक लगाई लेकिन भाषा का स्तर गिरता ही गया. राहुल गांधी ने लगातार चौकीदार चोर का नारा बुलंद किया और आखिरकार प्रधानमंत्रीने एक दिन राहुल के पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी इसमें घसीट लिया और कहा वो भ्रष्टाचारी नंबर वन हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कि क्या असल मुद्दों से भटकाने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ़ से राजीव गांधी के नाम का ज़िक्र किया गया?