भाजपा ने पार्टी प्रवक्ताओं को संयमित भाषा का प्रयोग करने की सलाह दी है. उत्तेजित और उद्वेलित नहीं होना है. किसी के उकसावे पर भी पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करना है. इस बीच कई सवाल और भी उठ रहे हैं और उनमें सबसे अहम है कि क्या इतना करना ही काफी है?