भारत में संयुक्त राष्ट्र महिला प्रतिनिधि सुसान फर्ग्यूसन ने कहा कि लैंगिक समानता को कोई भी पीछे नहीं छूटे प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में देखना अहम है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की क्षमता को उजागर करने के लिए विशिष्ट हस्तक्षेप की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि अगर हम महिलाओं और लैंगिक समानता में निवेश करते हैं, तो इससे सभी के जीवन में सुधार होगा.