हम जो देखते हैं या जो देख पाते हैं क्या वही सब कुछ है. आपको यह जानकर हर्ष होगा कि हम इस चराचर जगत का सिर्फ 4.6 प्रतिशत ही देख पाते हैं. बाकि सब हमारे वैज्ञानिक जगत के लिए भी अंजाना है. इसमें 24 फीसदी डार्क मैटर हैं और 71 प्रतिशत डार्क एनर्जी. इन अंजानी दुनिया और अंजाने पदार्थ को जानने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक दिनरात जुटे हुए हैं. भारत के जादूगोडा में भी जमीन के 550 मीटर नीचे एक लैब बनाई गई. जिसमें वैज्ञानिक डार्क मैटर की खोज में लगे हुए हैं.