देश में अलग-अलग स्टील प्लांट से हर साल दो करोड़ टन स्टील का कचरा निकलता है. 2030 तक यह हर साल साढे़ चार करोड़ टन हो जाएगा. हालात ये है कि स्टील प्लांटों के बाहर कचरे के पहाड़ बन जाते हैं. अब इस कचरे का इस्तेमाल शुरू हो रहा है. सूरत के प्लांट के कचरे से सूरत में सड़क बनाई गई है, जिसका नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने निरीक्षण किया.