लगातार कांग्रेस के नेताओं आर अपनी बेटी तक की तरफ से नसीहत के बावजूद आखिरकार पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया, राष्ट्रवाद की क्लास भी ली, लेकिन कई सवाल फिर भी बचे रहे. प्रणब मुखर्जी ने ध्यान दिलाया कि सदियों से भारत में लोग आते रहे हैं- लेकिन वो यहीं के हो जाते रहे. हालांकि ये सवाल उठ सकता है कि प्रणब ने प्राचीन भारत का जितना ज़िक्र किया, मध्यकाल को उतना याद नहीं किया, मुगल काल का नाम नहीं लिया और छह सौ साल के मुस्लिम आक्रमण की बात की.
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