अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की आंखों में धूल झोंकने का पाकिस्तान का पैंतरा कामयाब नहीं हो सका है. पाकिस्तान ने जमात-उद- दावा पर फिर से पाबंदी लगा कर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी गंभीरता दिखाने की कोशिश की थी. लेकिन पाकिस्तान फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ को झांसा नहीं दे सका. यह वह संगठन है जो देशों की आतंकी फंडिग पर नजर रखता है. इसने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखा है. साथ ही खरी-खरी भी सुनाई और लगे हाथों चेतावनी भी दे दी है. एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठनों की फंडिग पर सही तरीके से लगाम कसने में नाकाम रहा है.