प्राइम टाइम : अगर तुम बोलोगी तो...

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  • प्रकाशित: फ़रवरी 28, 2017
जब भी कोई अकेला बोलता है उसका बोलना किसी भी भीड़ से बहुत बड़ा होता है. अकेला बोलने वाला कमज़ोर से कमज़ोर वक्त में, ताकतवर से ताकतवर सरकार के सामने एक उम्मीद होता है. सरकारें अगर हमेशा जनता के साथ होती तो इसी भारत देश में इसी वक्त में अलग-अलग सरकारों के ख़िलाफ़ सैकड़ों की संख्या में विरोध प्रदर्शन नहीं चल रहे होते. सरकार चुनते तो आप हैं मगर वो हमेशा आपकी नहीं होती है.

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