साल 2011 के सेंसस के मजहब के आधार पर आंकड़े जारी किए गए तो शोर मच गया कि मुसलमानों की आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है। हालांकि इस आबादी को लेकर सच्चर कमेटी और उसके बाद कुंडू कमेटी और रंगनाथ मिश्रा कमिशन ने कहा कि सामाजिक विकास के पैमाने पर वो अनुसूचित जाति से भी बुरे हाल में हैं, तो क्या उनको भी विकास के पथ पर लाने के लिए आरक्षण दिया जाना चाहिए। हम लोग में आज मुसलमानों की आबादी और उनके आरक्षण के सवाल पर देखें चर्चा...