क्या महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के छह छात्रों को इसलिए निलंबित कर दिया गया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. इस पत्र में दलित और अल्पसंख्यकों के साथ हो रही मॉब लिचिंग और बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई गई है. कश्मीर का भी ज़िक्र है और असम में नेशनल रजिस्टर आफ सिटिजन्स का भी मसला है. इनका कहना है कि वे परिसर में 9 अक्टूबर को कांशीराम का परिनिर्वाण दिवस मनाना चाहते थे जिसकी इजाज़त नहीं मिली. 9 तारीख को अनुमति के लिए कुलसचिव के कार्यालय गए थे. आधे घंटे तक बिठाए रखने के बाद कार्यक्रम करने की इजाज़त नहीं दी गई. इसके साथ साथ इन छात्रों ने विश्वविद्यालय को सूचित किया था कि परिनिर्वाण के कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखेंगे. तभी विश्वविद्यालय ने कह दिया था कि बिना अनुमति के कार्यक्रम नहीं कर सकते हैं. इन छात्रों का कहना है कि कांशीराम का परिनिर्वाण दिवस मनाने और प्रधानमंत्री को पत्र लिखने से कैसे रोका जा सकता है. विश्वविद्यालय ने भारी सुरक्षा बल तैनात कर छात्र छात्राओं को गांधी हिल जाने से रोका. जिसका विरोध करते हुए इन लोगों ने गेट पर ही सभा की.