European Feminism से कैसे अलग है भारतीय नारीवाद? जानें साहित्य से जुड़े कई Interesting Facts

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  • प्रकाशित: जनवरी 04, 2025

2025 में साहित्य न केवल समाज का दर्पण है, बल्कि परिवर्तन का माध्यम भी बन चुका है. दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और प्रतिष्ठित साहित्यकार अल्पना मिश्रा से यह साक्षात्कार साहित्य, समाज, नारीवाद, और डिजिटल युग के संदर्भ में साहित्य की बदलती भूमिका पर प्रकाश डालता है. यह Interview साहित्य और समाज के बदलते आयामों को समझने का प्रयास है. 

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