महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की संख्या बल से उसे एक सीट मिलनी तय थी. लेकिन अशोक चह्वाण के इस्तीफे के बाद मामला गड़बड़ाता नजर आ रहा है क्योंकि खबर है कि उनके साथ और विधायक भी इस्तीफा दे सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस को उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार की मदद लेनी होगी. लेकिन सवाल है कि विधानसभा अध्यक्ष ने 15 फरवरी के अपने फैसले में अगर शरद पवार के विधायको की सदस्यता खत्म कर देते हैं और विधानसभा में अगर सिर्फ असली शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट का ही व्हिप चलता है तो क्या होगा? बता रहे हैं महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व प्रधान सचिव डॉक्टर अनंत कलसे.