मंगलवार दिन भर पुणे पुलिस ने देश के छह शहरों में दस लोगों पर छापे मारने के बाद जिन पांच हस्तियों को गिरफ़्तार किया उन सभी को सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस इन सभी लोगों को अपनी हिरासत में रखने के बजाय हाउस अरेस्ट में रखे यानी उन्हें उनके ही घर में नज़रबंद रखे. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की एक टिप्पणी काफ़ी अहम रही. वो ये कि असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व होती है. दबाने से ये प्रेशर कुकर फट सकता है. इस टिप्पणी पर सभी को ग़ौर करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को गिरफ़्तार लोगों की शुरुआती जीत के तौर पर देखा जा रहा है. बुधवार को पुणे पुलिस ने मुंबई, ठाणे, हैदराबाद, रांची, दिल्ली और फरीदाबाद में छापे मारकर जिन्हें गिरफ़्तार किया वो सभी जाने-माने नागरिक अधिकार कार्यकर्ता, वकील और लेखक वगैरह हैं.