हिन्दी दिवस के मौके पर कई दूतावास और राजदूत हिन्दी में ट्वीट कर रहे हैं. दरअसल, हिन्दी वो भाषा है जो इन विदेशी राजनयिकों को हिन्दुस्तान से जोड़ती है. आखिरी यहां आने वाले राजनयिक क्यों और कैसे हिन्दी सीखते हैं. इससे उनको क्या फायदा होता है. इन सारेसवालों का जवाब सुनिए आस्ट्रेलिया के दो राजनयिकों टॉम ओवरटन और माइकल रीस से विशुद्ध हिन्दी में. NDTV संवाददाता उमाशंकर सिंह ने राजदूतों से बात की है.