सीमा पार से लगातार हो रहे युद्धविराम उल्लंघन और कश्मीर में चल रही मुठभेड़ों के बीच सरकार का रुख़ क्या है? इस सवाल का जवाब अलग-अलग मंत्रालय अलग-अलग दे रहे हैं. ये साफ दिखता है कि नीतियों को लेकर सरकार के भीतर एक राय नहीं है.केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की कौन सुनता है? कम से कम विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तो नहीं. पिछले कुछ दिनों में राजनाथ पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर नरम दिखे हैं. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान चाहे तो उससे बात हो सकती है. मगर सुषमा कुछ और कहती हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद का मार्ग नहीं छोड़ता, उसके साथ समग्र वार्ता नहीं हो सकती है लेकिन ट्रैक टू (अनौपचारिक) कूटनीति जैसे संवाद तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की बैठकें होंगी.