डिस्कोथिक और पब चलाने वाले सचिन दत्ता से उनकी संन्यासी की पदवी छीन ली गई है। 31 जुलाई को उन्हें इलाहाबाद में संन्यास की दीक्षा देकर निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया था। उनपर आरोप है कि संन्यास लेने के बाद भी वो पत्नी के साथ रहने लगे। संतों की जांच कमेटी ने उन्हें शराब और रियल एस्टेट कारोबार में गड़बड़ियों का भी दोषी पाया। अब वो फिर से डिस्कोथेक और पब वगैरह चला सकेंगे।