4 नंवबर 1948 को संविधान सभा की बैठक होती है, इस दौरान महात्मा गांधी की हत्या हो चुकी होती है और मोहम्मद अली जिन्ना की मौत हो चुकी होती है. संविधान सभा के सदस्य सबसे पहले राष्ट्र पिता को श्रद्धांजलि देते हैं. उसमें कहा जाता है कि राष्ट्रपिता ने हम सबको निराशा के अंधेरे से निकाला, चार पांच पंक्तियों की श्रद्धांजलि दी जाती है कोई भावनात्मक भाषण नहीं. उसके तुरंत बाद सदस्यों से फिर खड़ा होने को कहा जाता है और कायदे आज़म मोहम्मद अली जिन्ना के लिए श्रद्धांजलि पढ़ी जाती है.