किसानों और सरकार के बीच 7वें दौर की वार्ता बेनतीजा रही है. सरकार कृषि कानूनों (Farm Laws) पर बिंदुवार चर्चा आपत्तियों के अनुसार संशोधन को तैयार है. लेकिन वह कानूनों की वापसी के पक्ष में कतई नहीं दिखती. वहीं किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों की वापसी की जगह कोई विकल्प मंजूर नहीं है. किसानों का कहना है कि कृषि कानूनों पर वापसी के अलावा कोई चर्चा नहीं होगी. किसान नेता मंगलवार को आंदोलन के कार्यक्रम को अंतिम रूप देंगे. वहीं आठ जनवरी को अगले दौर की वार्ता पर भी सबकी निगाहें होंगी.