नए ज़मीन अधिग्रहण बिल पर सहमति बनाना एनडीए सरकार के लिए मुश्किल होता दिख रहा है। इस बिल पर राजनीतिक सहमति बनाने के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति के सामने कई किसान और मजदूर संगठनों ने 2013 के जमीन अधिग्रहण कानून में किसी भी बदलाव का जम कर विरोध किया है।