पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर होती है. इसीलिए यहां की राजनीति को सबसे ज़्यादा प्रभावित भी गन्ना ही करता है. सालों से गन्ना किसानों की समस्या रही है कि चीनी मिलें उनका गन्ना लेकर साल साल भर तक पैसा नहीं देतीं. 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने वादा किया था कि सत्ता में आए तो दो हफ्ते में गन्ने का भुगतान करवाया जाएगा. लेकिन बाग़पत के किसानों का कहना है कि उनको बीते चार महीने से गन्ने का पैसा नहीं मिला. एक अंदाज़े के मुताबिक उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 12 हज़ार करोड़ बकाया है. शरद शर्मा ने बात की है बाग़पत मलकपुर चीनी मिल में बैठे गन्ना किसानों से.