भारतीय सेना के रिटायर्ड अफ़सर मोहम्मद सनाउल्लाह को पिछले हफ़्ते असम के ग्वालपाड़ा डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया. उन्होंने तीस साल सेना में रह कर देश की सेवा की है. अब उन्हें असम में फॉरेनर्स ट्राइब्यूनल ने एक विदेशी घोषित कर दिया है. ट्राइब्यूनल के इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ वो गुवाहाटी हाइकोर्ट गए हैं. इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है, जिस पुलिस अफ़सर ने दस साल पहले इस मामले में जांच की थी उसने NDTV से एक ख़ास इंटरव्यू में कहा है कि ये ग़लत पहचान का मामला है और उन्होंने जांच किसी और की थी. उधर सनाउल्लाह के गांव में मौजूद चश्मदीदों ने कहा है कि पुलिस अफ़सर ने इस गांव में ये जांच की ही नहीं और सनाउल्लाह को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है. इस मामले में हमारे मैनेजिंग एडिटर श्रीनिवासन जैन ने सनाउल्लाह के परिवार से बातचीत की, जिसमें सनाउल्लाह की बेटी शहनाज़ ने बताया कि उनके पापा विदेशी बताए जाने से बहुत दुखी हैं. साथ ही उन्होंने कई दस्तावेज़ दिखाए जिससे उनके पिता की भारतीय नागरिकता साबित होती है.